वह निगम क्या सुधरेगा यातायात व्यवस्था जो मुख्य मार्ग पर ही दे रहा है दुकान को किराया अब

दुर्ग ।दैनिक महकोसल। एक तरफ नगर पालिक निगम शहर में यातायात व्यवस्था सुधारने एवं सड़कों के सौंदर्यीकरण पर लाखों करोड़ों खर्च कर आम जनता से विकास की बात कर रही है वहीं पर राजेंद्र पार्क चौक पर ऊनी कपड़े की दुकान लगाने वाले व्यापारियों को सड़क के किनारे जगह आवंटित कर रही है । भले ही इससे नगर पालिक निगम को राजस्व का लाभ हो रहा हो किंतु निगम अपने राजस्व के लाभ के साथ यह भूल जा रही है कि ऊनी कपड़े की स्टाल में आने वाले ग्राहकों के लिए किसी भी तरह की पार्किंग व्यवस्था ना होने के कारण सारी गाड़ियां निर्माणाधीन मुख्य मार्ग पर खड़ी हो रही है जिसके कारण रात्रि के समय दुर्घटना की संभावना हद से ज्यादा बढ़ गई है किंतु नगर पालिक निगम के जिम्मेदार अधिकारी है कि सिर्फ राजस्व लाभ के लिए दुर्ग की जनता को दुर्घटना जन्य क्षेत्र में अपरोक्ष रूप से जाने के लिए मजबूर कर रहे हैं । क्या दुर्ग नगर पालिक निगम के जिम्मेदार अधिकारियों की यह जिम्मेदारी नहीं बनती की ऊनि कपड़े का स्टॉल ऐसी जगह लगाया जाए जहां पर पार्किंग की पूरी व्यवस्था हो।जैसा कि हम पूर्व की दुकानों की बात करे तो झाड़ू राम देवांगन हाई स्कूल के पीछे जो मैदान खाली था उस पर दीवाली के फाटकों की दुकानें सुव्यवस्थित नज़र आई थी शहर में ऐसे कई स्थान हैं जहां पर स्टॉल लगाकर पार्किंग की व्यवस्था भी दी जा सकती है किंतु चंद रुपयों के लालच में जिम्मेदार अधिकारी शायद आम जनता की परेशानियों को और कठिनाइयों को भूल कर अपनी मनमर्जी चला कर शहर के जनप्रतिनिधियों की छवि को खराब करने पर तुले हुए हैं यह ऐसे लोग हैं जो चार पहियों में लग्जरी वाहनों में चलते हैं जिन्हें ना यातायात की धूल भरी सड़कों से ना दुर्घटनाजने क्षेत्रों से कोई तकलीफ होती है और ना ही परेशानी किंतु वही आम जनता इन अधिकारियों के फैसले से लगातार परेशान हो रही है क्या निगम प्रशासन का बाजार विभाग और बाजार विभाग के प्रभारी ऋषभ जैन मामले को संज्ञान में लेकर ऊनी कपड़े के दुकानों को कहि अनियंत्र लगाने का पहल करेंगे या फिर ठंड का सीजन एक बार फिर राजेंद्र पार्क में दुर्घटना क्षेत्र के रूप में अघोषित रूप से शहर की जनता के सामने हो जाएगा ।और ट्राफिक यातायात पेट्रोलिंग या कोतवाली थाने की गाड़ी उस पर कार्यवाही के लिए उस जगह पहुंचती है तो फिर किसी बड़े नेता या मंत्री का करीबी बताकर उनसे फोन में बात करने की बात कही जाती है ऐसे में अगर यातायात व्यवस्थित ना हो तो हादसों का शिकार दुर्ग शहर को देखने को मिलेगा ।

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