राज्य मुख्य आयुक्त स्काऊट -गाइड के रूप में छग को नई पहचान दिलाने पर आए सुर्खियों में अविभाजित मध्यप्रदेश के सबसे कम उम्र के पार्षद होने का रिकार्ड
जन्म /कर्म स्थान मुकुंद भवन कचहरी वार्ड दुर्ग प्राथमिक शिक्षा मारवाड़ी विद्यालय व मिडिल /हायर सेकेंडरी गोवर्नमेंट स्कूल दुर्ग व स्नाकोत्तर की शिक्षा साइंस कॉलेज दुर्ग से एवम भिलाई में फिटर ट्रेड से ITI किये।
दुर्ग :- विधान सभा चुनाव में इस बार दुर्ग शहर में भाजपा ने गजेन्द्र यादव पर विश्वास जताया है वैसे तो श्री यादव ने राजनीति में पदार्पण के कुछ ही अरसे बाद महज 21 वर्ष की आयु में अविभाजित मध्यप्रदेश के सबसे कम उम्र का पार्षद निर्वाचित होने रिकार्ड कायम करने के साथ ही शहर की जनता का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया वहीं राज्य मुख्य आयुक्त स्काऊट गाइड के रूप में उकृष्ट कार्य करते हुए छत्तीसगढ़ को देश में नई पहचान दिलाने के साथ राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आए वे महज 35 वर्ष की आयु में देश के सबसे कम उम्र के स्काऊट गाइड के राज्य मुख्य आयुक्त रहे राज्य मुख्य आयुक्त के रूप में उनके कार्यों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी तारीफ हुई यही नहीं राज्य मुख्य आयुक्त के रूप सबसे कम समय में देश स्काऊट गाइड में छत्तीसगढ़ की उल्लेखनीय भूमिका को देखते हुए वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने प्रदेश को स्काऊट गाइड का सर्वोच्च सम्मान दिया
छात्र जीवन से राजनीतिक सफर की शुरुआत
श्री यादव ने वर्ष 1996 में साईंस कालेज दुर्ग में बीएससी की पढ़ाई के दौरान अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत करते हुए स्व ताराचंद साहू के लोकसभा चुनाव में भाजपा कार्यकर्ता के रूप में जमीनी स्तर पर सक्रिय रूप से कार्य की पश्चात वर्ष 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में भी ताराचंद साहू के लिए सक्रिय रूप से कार्य किया उनकी सक्रियता को देखते हुए भाजपा ने उन्हें वार्ड अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी अध्यक्ष के रूप में वर्ष 1998 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी रहे हेमचंद यादव के लिए काम किया
पांच बार के पार्षद व पूर्व महापौर को हराकर आए चर्चे में
भाजपा ने वर्ष 1999 में दुर्ग नगर निगम चुनाव में उन्हें कचहरी वार्ड से प्रत्याशी बनाया इस चुनाव में गजेन्द्र ने पांच बार के पार्षद व पूर्व उपमहापौर रहे खेमलाल सिन्हा को हराकर पार्षद निर्वाचित होने के साथ शहर की राजनीति में चर्चे में आए यहां से वे वर्ष 2005 तक पार्षद रहे राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद तत्कालीन शिक्षामंत्री मेघाराम साहू ने वर्ष 2005 में श्री यादव को स्काऊट गाइड का राज्य सचिव नियुक्त किया फिर पार्टी ने उन्हें वर्ष 2009 में भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश सचिव की जिम्मेदारी दी
राज्य मुख्य आयुक्त के रूप में छोड़ी अमिट छाप
गजेन्द्र वर्ष 2015 में स्काऊट गाइड के राज्य आयुक्त नियुक्त किए गए उनके नेतृत्व में छग राज्य स्काऊट गाइड ने पर्यावरण, कला, संस्कृति, यातायात जागरूकता, सामाजिक उत्तरदायित्व के कार्य करते महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हुए एक अमिट छाप छोड़ी पर्यावरण के क्षेत्र में जिले के ग्राम कोड़िया देऊरझाल में पूर्व मुख्य मंत्री रमनसिंह के मुख्य आतिथ्य में 1लाख 53 हजार पौधे रोपे गए जो आज पेड़़ का आकार लेने के साथ यह क्षेत्र एक मनोरम प्राकृतिक स्थल बन चुका है इसके फल स्वरूप देऊरझाल के इस क्षेत्रको मानव निर्मित जंगल के रूप में एक नई पहचान मिली
इसी प्रकार यातायात सुरक्षा जागरूकता की दृष्टि से 10 हजार 622 बच्चों को प्रशिक्षित किया गया जो अपने आप में एक मिसाल है इसकी राज्य स्काऊट गाइड की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्ल्ड एसोसिएशन आफ गाईड गर्ल स्काऊट ने तारीफ की
23 हजार बच्चों ने कर्मा नृत्य कर बनाया वर्ल्ड रिकार्ड
स्काऊट गाइड का सर्वोच्च संगम 3 जंबूरी का आयोजन भी गजेन्द्र के नेतृत्व में हुए–
पहला नक्सल गढ़ बस्तर के झीरम घाटी के पास हुआ जहां से स्काऊट गाइड पूरे देश में शांति का संदेश लेकर गए
दूसरा सूरजपुर जिले के दतिमा में आयोजित जंबूरी में स्वच्छ भारत की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया गया
वहीं राजनंदगांव के सोमनी में आयोजित जंबूरी में भारत के सभी राज्यों के अलावा भूटान के बच्चे भी शामिल हुए जहां छग के सरगुजा से लेकर बस्तर तक किए जाने वाले कर्मा लोकनृत्य की 23 हजार बच्चों ने एक साथ प्रस्तुती देकर गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज किया इससे कर्मा की गूंज देश के साथ विदेशों तक पहुंची भूटान नरेश के जन्मदिन पर फोर्सलिंग शहर में राजकीय उत्सव में कर्मा नृत्य की प्रस्तुती दी गई इससे अभिभूत होकर भूटान सरकार ने गजेन्द्र यादव को परिवार सहित राज्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया
इसी प्रकार गजेन्द्र के नेतृत्व में दुर्ग में पहली बार आरटीई के तहत पढ़ाई करने वाले बच्चों के माता पिता एवं इसके तहत पढ़ाने वाले सभी अशासकीय स्कूलों का समागम पूर्व मुख्यमंत्री रमनसिंह के मुख्य आतिथ्य हुआ जहां इनसे जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई और समय पर स्कूलों को इसका पैसा मिलने से वे भी आरटीई में रुचि लेने लगे इसके तहत हजारों बच्चों आज भी लाभ मिल रहा है
पिछड़ा वर्ग समागम में सभी समाज को किया एकजुट
अरुण साव के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद श्री यादव को उन्होंने भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष का दायित्व सौंपा बहुत कम समय में पिछड़ा वर्ग के विभिन्न समुदायों की समस्याओं की ओर गजेन्द्र ने पार्टी का ध्यान आकृष्ट कराया पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर पिछड़ा वर्ग मोर्चा का उन्होंने समागम आयोजित किया पहली बार दुर्ग में इस आयोजन के माध्यम से सभी समाज के लोगों को एकजुट करने का प्रयास उन्होंने किया
छग में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को खड़ा करने में पिता बिसराराम की रही महत्वपूर्ण भूमिका
गजेन्द्र के पिता बिसरा राम यादव की छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है वर्ष 1969 में बिसाराराम ने दुर्ग नगर में संघ के शाखा की शुरुआत की जहां से दुर्ग नगर कार्यवाह, जिला कार्यवाह फिर दुर्ग संभाग कार्यवाह बने छग के वे पहले प्रांत कार्यवाहक एवं मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ संयुक्त क्षेत्र कार्यवाहक भी रहे तत्पश्चात बिसराराम यादव छग के प्रांत संचालक बने वे 50 वर्षों से अधिक समय से संघ में निरंतर कार्य करते आ रहे हैं
गजेन्द्र ने भी पिता के सानिध्य में बाल्यकाल से संघ के स्वयं सेवक के रूप में कार्य करने लगे तिलक प्राथमिक शाला में लगने वाले शाखा के स्वयं सेवक रहे