दुर्ग / एक तरफ भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी भारत को वैश्विक स्तर पार उंचा उठाने की बात कर रहे है वही दूसरी तरफ दुर्ग भाजपा के कार्यकर्ता और नेता मोदी जी के सपनो के भारत की कल्पना पर पानी फेर रहे है . कल 22 जून को दुर्ग में भारत के गृह मंत्री और भाजपा राजनीती में चाणक्य माने जाने वाले केन्द्रीय मंत्री अमित शाह का दौरा है वे भाजपा के 9 साल के कार्यकाल की उपलब्धि को बताने दुर्ग आ रहे है किन्तु जिस तरह भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रतिबंधित पानी पाउच की व्यवस्था आम जनता के लिए की है उसे देख कर लगता है कि भाजपा के सारे दावे सिर्फ कागजो पर दिखाने के लिए और आम जनता को अँधेरे में रखकर सत्ता सुख पाने के लिए ही है . आज अगर एक छोटे से दूकान में प्रतिबंधित पाउच (पानी का ) मील जाए तो कार्यवाही करवाने और प्रशासन पर ऊँगली उठाने के लिए भाजपा के कार्यकर्ता आन्दोलन के लिए निकल पड़ते है किन्तु आज जब केन्द्रीय मंत्री का सम्मलेन में शिरकत हो रहा है तो यही दुर्ग भाजपा डंके की चोट पर प्रतिबंधित पानी पाउच का खुले आम प्रयोग कर रही है .
कहा है दुर्ग निगम के स्वास्थ्य अधिकारी क्या नियमो का पालन सिर्फ आम जनता के लिए ही है …
गरीबो के दुकानों में अगर एक दो बोरी पानी पाउच मील जाए तो निगम के स्वास्थ्य अधिकारी पुरी टीम के साथ हल्ला बोल देते है और प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कार्यवाही की बात बताते हुए अपने कर्तव्य परायण का साबुत देते है अब जबकि भाजपा के सम्मलेन में हजारो बोरिया पानी पाउच का प्रयोग हो रहा है तो कर्तव्य की भाषा किस अन्धकार में गम हो गयी है .
क्या भारत देश में आम जनता के लिए और नेताओं के लिए अलग अलग कानून है ?
बड़ा सवाल यह उठता है कि प्रतिबंधित पानी पाउच को सुप्रीम कोर्ट ने ही बैन किया है ऐसे में जिस कंपनी के यहाँ इसका निर्माण हो रहा है उस पर कार्यवाही करने के बजाये उससे खरीददारी कर भाजपा ने स्वयं ही साबित कार दिया कि पीएम मोदी की बाते सिर्फ आम जनता को बहलाने के लिए कही जाती है उनकी बातो का अनुसरण भाजपा के नेता नहीं करते . अगर भाजपा के आदर्श नेता के रूप में दुर्ग भाजपा पीएम मोदी का अनुसरण करती तो प्रतिबंधित पानी पाउच का इस्तमाल ही नहीं करती .