दुर्ग//दुर्ग और बालोद जिलों में विगत 3 वर्षों से निरंतर अच्छे कार्य कर अनोखी पहचान बना चुकी अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की सामाजिक पहल नंद घर अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। जिन चयनित शासकीय आंगनबाड़ियों को मॉर्डन कर उन्हे नियमित रूप से मॉनिटर करते हुए 3 वर्ष तक अच्छे रूप मे तैयार किया गया,अब समय आ चुका है, कि अब समुदाय और वहां के महिला एवं बाल विकास विभाग स्थानीय नंदघरों को अपने सानिध्य में ले, एवं जो सामाजिक पहल अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने प्रारंभ की है, वह नियमित रूप से यू ही चलता रहे।
जैसा की विदित है कि नंद घर परियोजना समाज को आगे बढ़ाने मे एक विशिष्ठ मानक, उसी पहल को आगे बढ़ाते हुए दुर्ग जिले के 16 क्लस्टर कोऑर्डिनेटर एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक की टीम ने मिलकर चाबी हैंड ओवर सेरेमनी का कार्यक्रम 8 जून से प्रारंभ किया गया जो की आगे की अवधि तक ३० जून तक जारी रहेगा। इसका उद्देश्य है की आज नंद घर जिस अवस्था मे है, आगे आने वाले वर्षो मे भी यह उसी अवस्था मे रहे, यहाँ की साफ सफाई, बनावट और जो भी महत्वपूर्ण एसेट हैं वो सुरक्षित और नियमित रूप से स्थिर रहे।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज वर्मा ने बताया की दुर्ग जिले मे स्थित 101 नंद घरों के संचालन में विगत 3 वर्षों से महिला बाल विकास और स्थानीय समुदाय का निरंतर सहयोग प्राप्त होता रहा है एवम इस चाबी हैंड ओवर सेरेमनी के उपरांत अब समुदाय नंद घरों के सुचारू संचालन हेतु सहयोग प्रदान करने हेतु सहमत हैं।
अब तक यह कार्यक्रम दुर्ग जिले के क्लस्टर कोऑर्डिनेटर संध्या, पूनम, प्रियंका, ऋषभ, धारणा एवम् नितीश वर्मा द्वारा सम्पन्न किया जा चुका है।
नंद घर परियोजना के संचालन की जिम्मेदारी रायगढ़ स्थित समाजसेवी संस्था जनमित्रम कल्याण समिति द्वारा की जा रही है।