अब बेजुबान जानवरों पर लम्पी वायरस जैसी बीमारी का कहर टूट पड़ा

कोरोना वायरस जैसी खतरनाक महामारी से जूझने के बाद स्थिति कुछ सामान्य होनी शुरू हुई थी कि अब बेजुबान जानवरों पर लम्पी वायरस जैसी बीमारी का कहर टूट पड़ा है। आजकल देश में खासकर राजस्थान और गुजरात समेत 10 अलग अलग राज्यों में इस जानलेवा बीमारी का संक्रमण हो चूका है। हमारे देश के अतिरिक्त अन्य देशों में भी इस बीमारी (lampi virus) के चलते अभी तक बड़ी संख्या में दुधारू पशुओं की जान जा चुकी है। ये एक लाइलाज बीमारी है जिसका अभी तक कोई भी एंटीडोट नहीं तैयार किया जा सका है।

यहाँ जानिये lampi virus के लक्षण
Lumpy Virus से संक्रमित पशुओं में ये लक्षण (Lumpy Virus Symptoms) देखने को मिल रहे हैं –
लम्पी वायरस से संक्रमित पशुओं को संक्रमण के बाद तेज बुखार बना रहता है।
दूध की मात्रा में अत्यधिक कमी आती है।
पशुओं की त्वचा पर चकत्ते और गांठे बन जाती हैं।
भूख कम लगना।
पशु के पैरों में सूजन और लंगड़ापन आना।
नर पशु में कार्य करने की क्षमता कम होना।
पशुओं के वजन में कमी आती है।
लार बहना और आँख नाक से पानी आना भी इसके मुख्य लक्षणों में से एक है।
इसके अतिरिक्त अलग अलग पशुओं में अलग अलग लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं।
क्या है लम्पी वायरस से बचाव
यहाँ जानिए लम्पी वायरस से अपने पशुओं के बचाव (Lumpy Virus Treatment) का तरीका।
  • यदि कोई पशु संक्रमित हो जाए तो उसे अन्य पशुओं से दूर/ अलग रखें।
  • पशुओं के स्थान को नियमित साफ़ सुथरा रखने का प्रयास करें।
  • मक्खी मच्छर आदि को खत्म करने के लिए समय समय पर स्प्रे या ऐसे ही किसी अन्य कोई घरेलु उपायों का प्रयोग करें।
  • यदि किसी संक्रमित पशु की मृत्यु हो जाये तो आप उसके शव को खुले में ना डालें बल्कि उसे गहरे में दफना दें। जिससे सक्रमण का खतरा न रहे।
  • समय समय पर आस पास के क्षेत्रों में कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करें।
  • चिकित्सक के निर्देश पर आप अपने संक्रमित पशुओं को गोटपॉक्स वैक्सीन लगवा सकते हैं।
  • पशुओं को मल्टी विटामिन की दवाइयां भी दी जा सकती हैं (चिकित्सक के परामर्श के साथ) जिससे कि उनकी इम्युनिटी बढ़ सके।
  • lampi virus से बचने के लिए एंटीबायोटिक्स, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीहिस्टामिनिक दवाएं भी दी जा रही हैं।
पशुओं को लम्पी वायरस से बचाव कैसे करें ?इसके लिए सभी पशुओं के स्थान पर नियमित साफ़ सफाई रखें। समय समय पर मच्छर मक्खी मारने वाले स्प्रे / कीटनाशक का उपयोग करें। अपने पशुओं को चिकित्सक के निर्देश पर एंटीबायोटिक्स, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीहिस्टामिनिक , आदि टीके लगवा सकते हैं।
आज गायों में एक विशेष प्रकार का रोग देखने को मिल रहा है हम लगातार हफ्ते भर से देख रहे हैं की गायों में उनके ऊपर छोटा सा गांठ पूरे शरीर में फैल रहा है और वह एक गांव से दूसरे का हमें भी चलते जा रहा है गाय जिसके कारण ना तो खाना पीना खा पा रही है और ना ही चल पा रही है आज हमने 2 गांव में या लक्षण दिखा जिसको हमने डॉक्टर के माध्यम से उपचार कराया गया तो पता चला यह एक विशेष प्रकार का वायरस है जो गायों में चल रहा है मेरा शासन प्रशासन से निवेदन है कि कृपया इसका समाधान निकाले एवं वैक्सीनेशन गायों में तेजी से करवाएं धन्यवाद

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