दुर्ग/निशांत ताम्रकार / दुर्ग के बहुचर्चित रावलमल जैन दंपती हत्याकांड पर फैसला आ गया है। पांच साल पुराने इस मामले में पिता और माता की गोली मारकर हत्या करने के आरोपी पुत्र को अदालत ने दोषी करार दिया है। वहीं हत्या में प्रयुक्त पिस्तौल सप्लाई करने वाले आरोपियों को भी अदालत ने दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई है । बताया जा रहा है कि अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने पर मृत्युदंड की सजा सुन कर अभियुक्त संदीप जैन कटघरे में ही बेहोश हो गया। आपको बता दें कि वर्ष 2018 में हुए दोहरे हत्याकांड की चर्चा पूरे देश मे थी। एक जनवरी 2018 को तड़के नगपुरा पार्श्वनाथ तीर्थ के ट्रस्टी रावलमल जैन व उनकी पत्नी सुरजी देवी जैन की उनके गंजपारा स्थित निवास में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद मामले की जांच में जुटी दुर्ग पुलिस ने रावलमल जैन के बेटे संदीप जैन को ही हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में यह भी सामने आया था कि आरोपी बेटे के द्वारा हत्या में यूज़ की हुई पिस्तौल और कारतूस शैलेन्द्र सिंह सागर और भगतसिंह गुरुदत्ता ने सप्लाई की थी। इन दोनों आरोपियों को भी पाँच पाँच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है ।इस प्रकरण पर विचारण पश्चात न्यायाधीश शैलेष तिवारी ने मुख्य अभियुक्त संदीप जैन को पिता व माता की हत्या के आरोप में अलग-अलग मृत्युदंड की सजा से दंडित किए जाने का फैसला दिया है। वहीं पिस्तौल की सप्लाई करने वाले शैलेन्द्र सिंह सागर व भगतसिंह गुरूदत्ता को आर्म्स एक्ट के तहत 5-5 वर्ष के कारावास से दंडित किया है। 310 पेज के फैसले में न्यायधीश इस हत्याकांड को कायरता पूर्ण कृत्य करार दैते हुए लिखा है कि इस परिस्थिति में अभियुक्त को कम सजा दिया जाना उचित नहीं है। उन्होंने फैसले में महाभारत व हरिवंश पुराण के विष्णु पर्व. में माता-पिता के प्रति पुत्र के कर्त्तव्य का उल्लेख भी किया है। इस प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुरेश प्रसाद शर्मा ने पैरवी की थी।