भिलाई नगर/ जिले का पहला विद्युत शवदाह गृह भिलाई के रामनगर मुक्तिधाम में बनकर तैयार हो चुका है। मुक्तिधाम में मेयर नीरज पाल और निगम आयुक्त रोहित व्यास ने संयुक्त रूप से विद्युत शवदाह पहुंचकर इसके बारे में विस्तृत जानकारी ली। इसके लिए शेड सहित कमरा निर्माण किया जा चुका है मशीन इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया भी पूर्ण हो चुकी है। विद्युत सप्लाई के लिए ट्रांसफार्मर भी लगाए जा चुके हैं। विद्युत शवदाह में शवदाह की प्रक्रिया की बात करें तो आधे घंटे में यह प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी और अस्थि आदि प्राप्त करने के लिए और आधे घंटे का समय लगेगा। पूरा प्रोसेस अगर देखे तो 1 घंटे में शवदाह एवं अस्थि संग्रहण की प्रक्रिया पुर्ण हो जायेगी। पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी यह विद्युत शवदाह गृह बहुत उपयोगी है, लकड़ी और कंडे के अभाव में भी इसकी प्रक्रिया जारी रहेगी तथा कम मात्रा में लकड़ी और कंडे की खपत होगी। दिन में यदि इसके शवदाह की प्रक्रिया को समझे तो 10 घंटे में 8 से 10 शवदाह हो पाएंगे। बारिश के दिनों में भी यह काफी कारगार साबित होगा, क्योंकि इन दिनों अधिकतर लकड़ी और कंडे के बारिश में भीगने की संभावना अधिक हो जाती है। इसको चालू करने के लिए कुछ प्रक्रिया ही शेष रह गई है, इसके बाद इसे शीघ्र ही प्रारंभ कर दिया जाएगा। विद्युत शवदाह गृह के निर्माण कार्य में लगभग 52 लाख रुपए खर्च हुए हैं, इसका संचालन एवं संधारण के लिए एजेंसी 2 साल तक काम करेगी तथा इसे मेंटेन रखेगी, इसके अलावा इससे संबंधित प्रशिक्षण भी कर्मचारियों को दिया जाएगा। एक तरह से यह आधुनिक विद्युत शवदाह गृह होगा जो कि भिलाई में अपने तरह का पहला शवदाह गृह होगा। विद्युत शवदाह गृह में लकड़ी और कंडे में होने वाले खर्च की अपेक्षा पैसे की बचत होने की संभावना अधिक जताई जा रही है। कोरोना काल में शव की अधिक संख्या मुक्तिधाम में आने को देखते हुए रामनगर के मुक्तिधाम में इसको स्थापित करने की मंशा से इस पर कार्य किया गया था, आज पूर्ण रूप से यह बनकर तैयार है और शीघ्र ही इसे प्रारंभ किया जाएगा। रामनगर के मुक्तिधाम में इस दौरान अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी, अधीक्षण अभियंता दीपक जोशी, जोन आयुक्त पूजा पिल्ले, कार्यपालन अभियंता कुलदीप गुप्ता, स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा, सहायक अभियंता अरविंद शर्मा, महापौर के निज सचिव वसीम खान, उप अभियंता अर्पित बंजारे एवं बसंत साहू आदि मौजूद रहे।