कुम्हारी, दुर्ग // मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र मे आंगनबाडी भवन को निरस्त कर निजाम मुस्लिम समाज को भूमि आबंटित करने की साजिश रची जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने इस मुस्लिम संगठन का कभी नाम भी नही सुना है। मदरसे के लिये कुम्हारी के जिस वार्ड क्रं 11 में यह भूमि आबंटित की जा रही है वहां मुसलमानों की कोई आबादी नही है। लोगों का यह भी कहना है कि उक्त भूमि में पहले आंगनबाड़ी भवन प्रस्तावित था जिसमें सभी समाजों के बच्चे पढ़ सकते थे। पिछले वर्ष पालिका अध्यक्ष और पीआईसी ने इसे यह कहकर निरस्त कर दिया कि उक्त भूमि दलदली है और उसपर भवन निर्माण संभव नही। इसके कुछ समय बाद एक अंजान मुस्लिम संगठन के नाम पर इसी भूमि का आबंटन मांगा गया। इस संबंध में एसडीएम ने पालिका परिषद से अनापत्ति मांगी। परिषद की बैठक में भाजपा पार्षदों के कड़े विरोध के बावजूद पालिका अध्यक्ष ने इसे बहुमत से पारित घोषित करवा दिया और अनापत्ति एसडीएम को प्रेषित कर दी। कुम्हारी के नागरिकों का कहना है कि जो भूमि आंगनबाड़ी भवन के निर्माण के लिये सही नही थी वो मुस्लिम समाज के भवन निर्माण के लिये कैसे उपयुक्त हो गई? नागरिकों ने यह भी आरोप लगाया है कि दावते इस्लामी जैसे विदेशी आतंकवादी संगठन कुछ स्थानीय मुसलमानों को आगे करके छद्म नामों से शासकीय भूमि का आबंटन कराने का प्रयास कर रहे हैं। यह खेल पूरे छत्तीसगढ़ में चल रहा है। इस साजिश में कुछ अधिकारी और नेता भी शामिल हैं। कुम्हारी नागरिक समाज के लोगों ने इस षणयंत्र के विरोध में बिगुल फूंकते हुए पालिका अध्यक्ष और सीएमओ को विरोध पत्र सौंपा है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि मुस्लिम समाज को भूमि का आबंटन निरस्त नही किया जाएगा तो आंदोलन उग्र हो जाएगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।