दुर्ग. दुर्ग शहर की दुर्दशा के लिए निगम सरकार को दोषी बताते हुए भाजयुमों के कार्यकर्ताओं ने अनोखा प्रदर्शन किया। उन्होंने महापौर कार्यालय के सामने बैठकर नारेबाजी की और विरोध में अपना सिर मुंडवाया। भाजयुमो का कहना है कि यदि इसके बाद भी महापौर नहीं जागे तो वो उग्र आंदोलन करेंगे। भारतीय जनता युवा दुर्ग के कार्यकर्ता रितेश कुमार शर्मा ने बताया कि धीरज बाकलीवाल के महापौर बनने के 6 महीने बाद से ही दुर्ग शहर की दुर्दशा शुरू हो गई थी। यहां के चौक चौराहों को खोद कर रख दिया गया है। पूरे दुर्ग संभाग का केंद्र कहा जाने वाला पटेल चौक पिछले कई महीनों से खुदा पड़ा है। उतई टैंपो स्टैंड से लेकर जेल तिराहा तक आठ महीने से दोनों साइड की सड़क को खोद कर छोड़ा गया है। इससे राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहर में मूलभूत सुविधाएं खत्म हो चुकी हैं। नगर सरकार हर तरफ से दुर्ग शहर को अंधकार की ओर ढकेलने का काम कर रही है। यह हालत नई निगम सरकार के बनने के साथ ही शुरू हो गई है। महापौर कुंभकर्णी नींद में सोये हैंदुर्ग शहर के महापौर धीरज बाकलीवाल के बारे में रितेश ने कहा कि वो ऐसी कुंभकर्णी नींद में सोये हैं, जिससे उन्हें जगा पाना संभव नहीं है। उन्हें शहर की दुर्दशा को सुधारने के लिए कई बार ज्ञापन दिया गया। कई बार मीटिंग की गई। कई बार मौखिक बातचीत की गई, लेकिन स्थिति जस की तस है। अब समय आ गया प्रदर्शन और उग्र आंदोलन का। अब भाजपा के साथ मिलकर भाजयुमो उग्र आंदोलन करेगी, जिसके लिए शासन प्रशासन जिम्मेदार होगा। महापौर ने कहा भाजपा बताए उन्होंने क्या किया पिछले 20 सालों से दुर्ग नगर निगम में भाजपा की सरकार थी। उन 20 साल में उनके द्वारा कोई भी ऐसा काम नहीं किया गया, जिसको हम याद कर सकें। एक स्टैंप पैड सरकार चलती थी। उनके बनाए पुष्प वाटिका में पुष्प नहीं है। चौपाटी चौपट है। तारा मंडल में तारा नहीं है। हर काम उनका पूरी तरह से फेल है। जबसे नगर में कांग्रेस की परिषद बनी और राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी है नगर निगम दुर्ग द्वारा कई जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं और विधायक अरुण वोरा के अनुभवों का पूरा लाभ परिषद ले रही है।