दुर्ग नगर निगम चुनाव में नामांकन पत्र वापसी का शुक्रवार को अंतिम दिन था। लिहाजा अब चुनावी शोर धीरे-धीरे तेज होने लगा है, लेकिन कांग्रेस के लिए आज का दिन काफी सरगर्मी भरा रहा। दुर्ग शहर जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा शुक्रवार को राजीव भवन (कांग्रेस भवन) में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शामिल होकर कांग्रेस महापौर प्रत्याशी प्रेमलता साहू, नगर निगम क्षेत्र के 59 पार्षद प्रत्याशियों के अलावा कार्यकर्ताओं में जमकर चुनावी जोश भरा, वहीं स्थानीय कांग्रेस नेताओं को चुनाव संचालन संबंधी आवश्यक दिशा निर्देश व नसीहत भी दिए। इसके अलावा कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं द्वारा प्रत्याशियों को चुनावी तैयारी व जीत के टिप्स दिए गए। कार्यकर्ताओं से खचाखच भरे सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में चुनाव को लेकर भारी उत्साह है। प्रत्याशी चयन में कांग्रेस द्वारा काफी मंथन किया गया है। योग्य प्रत्याशी को टिकट दिया गया है। अब टिकट वितरण हो चुका है, तो हम सब की जिम्मेदारी है कि कांग्रेस के अधिकृत महापौर प्रत्याशी प्रेमलता साहू और पार्षद पद के प्रत्याशियों के लिए एकजुट होकर कार्य कर उन्हें जीत दिलवाएं। टिकट की मांग सभी कांग्रेस कार्यकर्ता करते हैं, लेकिन टिकट किसी एक को ही दी जा सकती है। कार्यकर्ताओं को यह मानकर चलना चाहिए कि चुनाव प्रत्याशी नहीं बल्कि कांग्रेस लड़ रही है। यही हमारे पुरखे व कांग्रेस की विचारधारा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वार्ड 21 से नामांकन पत्र वापस लिए कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी की ओर इशारा और स्थानीय कांग्रेस नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि हमें कांग्रेस पार्टी के गद्दारों व बागियोंं से सावधान रहने की आवश्यकता है। हमें टिकट ठोक बजाकर देना चाहिए था, जो कांग्रेस से चला गया, उसे हमें गद्दार मान लेना चाहिए। सभा में उन्होंने जिन कार्यकर्ताओं द्वारा कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ नामांकन पत्र दाखिल किया हैं, उनसे नामांकन पत्र वापस लेने की भी अपील की। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभा में प्रत्याशियों व कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए बीच-बीच में कांग्रेस के स्थानीय नेताओँ को भी नसीहत देने में कोई कमी नहीं की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संगठन व स्थानीय नेता प्रत्याशियों को जीत दिलवाने जुट जाए। इसके लिए जल्द चुनाव संचालन समिति का गठन करे और अलग-अलग टीम बनाकर प्रचार-प्रसार में लग जाए। महापौर प्रत्याशी को ऐसा नहीं लगना चाहिए कि वह अकेले चुनाव लड़ रही है। उसे लगना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी व पूरे कार्यकर्ता चुनाव लड़ रहे है। महापौर और पार्षद प्रत्याशियों की जीत के लिए हम सब सम्मिलित रुप से प्रयास करेंगे तो सफलता मिलना निश्चित है। दुर्ग में यह पहला चुनावी कार्यकर्ता सम्मेलन हो रहा है। यहां का जीत का संदेश पूरे छत्तीसगढ़ में जीत की इबादत लिखेगी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा चुनाव से पहले ही डर गई है। वो चुनाव नहीं करवाना चाहती थी। कांग्रेस के दबाव की वजह से चुनाव हो रहे हैं। लेकिन भाजपा चुनाव में प्रशासनिक तंत्र के दुरुपयोग व प्रलोभन देने में उतर आई है। धमतरी में महापौर पद के कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन निरस्त करना और दुर्ग निगम में वार्ड 21 के कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा नामांकन वापस लेना इसी का परिणाम है। लेकिन भाजपा के इस हथकंडों से कांग्रेस कार्यकर्ता डरने वाले नहीं है। कांग्रेस यह चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ रही है और पूरे छत्तीसगढ़ में जीत दर्ज करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार ने अपने सवा साल के कार्यकाल में कोई कार्य नहीं किया है। पिछले कांग्रेस सरकार के कार्यों का जनता को आज भी लाभ मिल रहा है। भाजपा सरकार द्वारा शुरु किए गए महतारी वंदन योजना का प्रदेश की सभी महिलाओं को लाभ नहीं मिल रहा है। योजना में नाम जुड़वाने महिलाएं चक्कर काट रही है। योजना का लाभ दिलवाना भाजपा की नीयत ही नहीं है। 35 किलो मिलने वाले चावल में भाजपा द्वारा कटौती की तैयारी है। भाजपा केवल 5 किलो चावल देने का मन बना चुकी है। अगर कांग्रेस नगरीय निकाय व त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जीत का परचम लहराती है तो महतारी वंदन योजना का प्रदेश की सभी महिलाओं को लाभ मिलेगा और खाद्यान्न में कटौती नहीं होने दी जाएगी। सभा में पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कांग्रेस नेता राजेंद्र साहू, पूर्व विधायक अरुण वोरा, पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल, आरएन वर्मा, शंकरलाल ताम्रकार, दुर्ग जिला ग्रामीण अध्यक्ष निर्मल कोसरे, सभापति राजेश यादव, दीपक दुबे, अय्यूब खान, महापौर प्रत्याशी प्रेमलता पोषण साहू, पार्षद प्रत्याशी दीपक साहू, शिवकांत तिवारी, अब्दुल गनी, मनीष बघेल, मनीषा सोनी, मोहित वालदे, कांग्रेसनेत्री रत्ना नारमदेव के अलावा बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।