दुर्ग। जमीन के मामले में परिवादी पुरुषोत्तम लाल गोसाईं ने न्यायालय में परिवाद पेश किया था। सुनवाई के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रवि महोबिया की कोर्ट ने कोतवाली पुलिस दुर्ग को धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज पेश करने आदि को लेकर अपराध दर्ज करने का आदेश दिया है। अधिवक्ता अभिषेक वैष्णव ने बताया कि पुरुषोत्तम लाल गोसाई के पिता चरण लाल गोसाई बीएसपी कर्मी थे और उनके नाम पर कातुल बोर्ड में जमीन थी। एक जुलाई 2023 को चरण लाल गोसाई का स्वर्गवास हो गया था । उसके पिता के नाम पर कातुल बोर्ड में .0490 हेक्टेयर जमीन थी। परिवादी अपने पिता की मौत के बाद जमीन का नामांतरण नहीं करा पाया था। नामांतरण के संबंध मेें जानकारी लेने 7 अप्रैल 2024 को वह पटवारी कार्यालय पहुंचा। इस दौरान वहां मो.तक्सीन,उसकी पत्नी परवीन बेगम तथा निखिल कुमार( छदम व्यक्ति)खड़ा था। परिवादी इनमें से जमीन कारोबारी मो.तक्सीन को पहचानता था। परिवादी पुरुषोत्तम पर नजर पड़ते ही वे सभी पटवारी कार्यालय से चले गए। इसके बाद परिवादी ने अपने कातुलबोर्ड स्थित जमीन का खसरा नंबर दिखाकर पटवारी से जमीन नामांतरण के संबंध में जानकारी ली। तब पटवारी ने उसे बताया कि जो लोग अभी यहां से गए हैं वे उसी जमीन के संबंध में बातचीत कर रहे थे। सन 2023 में चरणलाल गोसाई ने उक्त जमीन का दान पत्र निष्पादित किया है। इस पर परिवादी ने पटवारी को बताया कि उसके पिता का निधन वर्ष 2013 में हो गया है। परिवादी ने उक्त जमीन के संबंध में उप पंजीयक कार्यालय से जानकारी ली। तब पता चला कि निखिल कुमार ने दानपत्र के गवाह अतुल गुप्ता,लक्ष्मीनारायण मराठा,जमीन कारोबारी मो.तस्कीन तथा उसकी पत्नी परबीन बेगम के साथ मिलकर चरणलाल गोसाई की स्वामित्व वाली जमीन में से 2400 वर्गफीट जमीन का दानपत्र तैयार कराया है। 22 मार्च 2023 को उप पंजीयक कार्यालय में उक्त जमीन की चतुरसीमा का कूटरचित दस्तावेज तैयार कराया गया। जिसमें निखिल कुमार ने स्वयं को चरणलाल गोसाई का पुत्र होना बताया है। मृत चरणलाल गोसाई के स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति को चरणलाल बताकर खड़ा कर दिया गया था। चरणलाल गोसाई के नाम पर बनाया गया आधार कार्ड भी फर्जी था। मामले में न्यायालय ने जमीन कारोबारी मो.तक्सीन, परवीन बेगम,निखिल कुमार सहित गवाहों के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश दिया है।