दुर्ग/ जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन छ.ग. शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुरूप होगी। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने सभी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को परिपत्र जारी कर धान उपार्जन हेतु शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन कराने के निर्देश दिये हैं, ताकि वास्तविक कृषकों से उनके द्वारा उपजाये गये धान की खरीदी की जा सके। उन्हांेने अधिकारियों को धान खरीदी में अनियमितता पाये जाने पर प्रकरण अनिवार्य रूप से तैयार कर आवश्यक कार्यवाही के लिए न्यायालय कलेक्टर को प्रस्तुत करने निर्र्देिशत किया है।
खाद्य नियंत्रक से मिली जानकारी अनुसार धान उपार्जन की समयावधि 14 नवम्बर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक है। धान उपार्जन के अंतिम कार्य दिवस में धान की अंतिम आवक संध्या 5.00 बजे के पूर्व हो सकेगी। अंतिम कार्य दिवस में किसी भी प्रकार का टोकन जारी नहीं किया जायेगा। कृषकों से 21 क्विंटल तक प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदी की जाएगी। जिन कृषकों के द्वारा ग्राम के औसत उपज से अधिक टोकन प्राप्त किया जाएगा। उन टोकनों की जांच होगी। टोकन की जांच करने के लिए गिरदावरी की जांच के अतिरिक्त भौतिक रूप से कृषकों के पास उक्त धान की उपलब्धता की भी जांच होगी। धान उपार्जन की मात्रा का कृषकों के ऋण पुस्तिका में अनिवार्य रूप से प्रविष्टि की जाएगी। अधिया/रेगहा लेने वाले कृषकों से वचन पत्र प्राप्त कर भू-स्वामी से सहमति पत्र भी लिया जाना है। अधिया/रेगहा से खरीदी करने वाले कृषकों एवं उपार्जित धान का विवरण पृथक संधारित होगी। कृषकों से अधिकतम 25 प्रतिशत की लिंकिंग की खरीदी हो सकेगी। कृषकों को भुगतान पीएफएमएस से आनलाईन किया जाएगा। सीमांत/लघु कृषकों को 02 तथा दीर्घ कृषकों को अधिकतम 03 टोकन ही जारी किया जाएगा। कृषकों से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के आधार पर धान की खरीदी की जाएगी। नामिनी/ट्रस्टेड पर्सन नियुक्त कर धान बिक्री करने के लिए नहीं आ पाने वाले कृषकों से भी धान की खरीदी की जा सकेगी। नये एवं पुराने बारदानों से 50-50 प्रतिशत के अनुपात में धान की खरीदी की जाएगी। बारदानों पर स्पष्ट रूप से समिति का नाम, पंजीयन नम्बर तथा धान की किस्म का उल्लेख किया जाना आवश्यक है। इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन केवल 01 वर्ष के लिए सत्यापित रहती है। अतः इसकी वैधता की जांच करना आवश्यक है। इलेक्ट्रानिक तौल मशीन से खरीदी की जाएगी। अपवादात्मक स्थिति में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अनुमति से अन्य तौल मशीन का उपयोग किया जाएगा। कृषकों द्वारा लाये गये धान की नमी की जांच होगी। नमी की अधिकतम मात्रा 17 प्रतिशत होगी। जिसके लिए प्रत्येक उपार्जन केन्द्र में आर्द्रतामापी की व्यवस्था की गई है। कृषकों से धान खरीदी हेतु एफएक्यू का प्रदर्शन किया जाए। उपार्जन केन्द्रवार नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है। नोडल अधिकारी चेकलिस्ट अनुसार जांच प्रतिवेदन 14 नवम्बर 2024 के पूर्व प्रस्तुत करेंगे। कृषकों द्वारा लाये गये धान की गुणवत्ता विवादास्पद होने पर समिति स्तर पर गठित दल के द्वारा निराकरण किया जाएगा। उपार्जन केन्द्रों में सरना, पतला एवं मोटा धान तथा नये पुराने बारदानों के अनुसार कम से कम 6 स्टेक लगाए जायेंगे जो सुव्यवस्थित व गिनती योग्य हो। उपार्जन केन्द्रों में उपरोक्तानुसार 1200 क्विंटल के प्रत्येक अर्थात 7200 क्विंटल धान का न्यूनतम बफर स्टॉक लिमिट होगा। उपार्जन केन्द्र धान के शेष स्टॉक का प्रत्येक शनिवार को नोडल अधिकारी द्वारा अपने मोबाईल एप्प के माध्यम से भौतिक सत्यापन किया जाएगा।