दुर्ग। एक मामले की पेशी में उपस्थित होने शुक्रवार की सुबह अमित जोगी न्यायालय दुर्ग पहुंचे थे। चुनाव मे प्रचार प्रसार बैनर पोस्टर आदि के लिए पदमनाभपुर स्थित एक्जीओम इनकॉरपोरेशन कंपनी के संचालक स्वप्निल शेंडे को कांटेक्ट दिया गया था। इसके एवज मे 12 अक्टूबर 2020 को चेक दिया गया था, उस समय छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) के अमित जोगी के पिता अजीत जोगी अध्यक्ष थे तथा पंकज शर्मा कोषाध्यक्ष ,योगेश तिवारी महासचिव के पद पर थे। जब परिवादी ने बैंक में चेक लगाया तो खाता में पर्याप्त रकम न होने के कारण चेक अनादरित हो गया था। अजीत जोगी के निधन हो जाने पर अमित जोगी को पार्टी बना दिया गया था। परकाम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के मामले को लेकर अमित जोगी, पंकज शर्मा एवं योगेश तिवारी की न्यायाधीश विजेंद्र नाथ ठाकुर के न्यायालय में सुनवाई थी। सुनवाई के बाद न्यायालय ने 5000 रुपए के मुचलके पर अमित जोगी एवं अन्य को जमानत दे दी है। अमित जोगी ने कहा कि लगभग 13 साल बाद आज वह वकील के रूप में किसी न्यायालय में पहुंचे हैं। उन्हें नोटिस मिला था कि कोर्ट में उपस्थित होना है। यहां आया तो उन्हें पता चला कि उनके विरुद्ध परिवाद दायर किया गया है। फर्जी तरीके से परिवाद उनके खिलाफ दायर किया गया है। चेक बाउंस का मामला है जो कि उनके पिता के समय का है। छल पूर्वक मेरे खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।