बाबा महाकाल की शाही सवारी का सुव्यवस्थित संचालन हो: कलेक्टर श्री सिंह


उज्जैन । बाबा महाकाल की शाही सवारी आगामी 2 सितंबर को निकाली जाएगी। सवारी के सुव्यवस्थित संचालन और श्रद्धालुओं को सुगमतापूर्वक दर्शन लाभ मिले। इस संबंध में बुधवार को कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा की उपस्थिति में बैठक आयोजित की गई। बैठक में सोमवती अमावस्या और शाही सवारी एक ही दिन होने से भीड़ प्रबंधन और सवारी के निर्धारित समय पर मंदिर पहुंचने पर विशेष चर्चा की गई। बैठक में निगम आयुक्त आशीष पाठक, अपर कलेक्टर अनुकूल जैन, सीईओ यूडीए संदीप सोनी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नितेश भार्गव, सहायक कलेक्टर गगन मीणा सहित मंदिर समिति के सदस्य और विभिन्न भजन मंडलिया उपस्थित रहीं।
     कलेक्टर नीरज सिंह ने कहा कि पिछली सवारियों की तरह शाही सवारी का भी व्यवस्थित संचालन किया जाए। पहले की तरह से भी अधिक सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रहें। भजन मंडलीयां निर्धारित समय का गंभीरता से पालन कर समय पर प्रवेश करें। लोक निर्माण विभाग, एमपीईबी, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य संबंधित विभाग शाही सवारी के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।
   पुलिस अधीक्षक श्री शर्मा ने कहा कि पिछली 5 सवारियों में मंडलियों द्वारा दिखाया गया अनुशासन और समन्वय सराहनीय रहा। बाबा महाकाल की शाही सवारी भी निर्धारित समयअनुसार चलें और श्रद्धालाओं को सवारी के सुगमता पूर्वक दर्शन हो।
  अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री भार्गव ने कहा कि सभी 70 मंडलियों को शाही सवारी के दिन दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक कोट मोहल्ला से प्रवेश दिया जाएगा। 1के पश्चात मंडलियों को सवारी में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। सोमवती अमावस्या के अवसर पर सोमतीर्थ पर फव्वारे की व्यवस्था रहेगी।
    बैठक में लोक निर्माण विभाग को निर्धारित मार्ग पर समय पर व्यवस्थित बैरिकेडिंग किए जाने के निर्देश दिए। सवारी मार्ग पर बनाएं गए मंचो का फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाएगा। प्रसादी वितरण भी इस प्रकार किया जाएगा कि सवारी व्यवस्थित संचालन हो। सवारी के निर्धारित मार्ग पर पहुंचने के तय समय और आवश्यक जानकारी के फ्लेक्स भी लगाएं जाएंगे। 500 से अधिक बैरिकेडिंग और 100 मंच बनाएं जायेंगे। शाही सवारी में लगभग 70 मंडलिया सम्मिलित होंगी। प्रत्येक मंडली में 50 लोग सम्मिलित हो सकेंगे। मंडलियों को मंदिर समिति द्वारा पास दिया जाएगा। बैठक में विभिन्न मंडलियों द्वारा पिछली पांच सवारी में प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की सराहना की ओर शाही सवारी के लिए मंच, मार्ग, विद्युत आदि की व्यवस्थाओं के संबंध में सुझाव दिए गए।

शाही सवारी मार्ग

भगवान महाकालेश्वर जी की प्रमुख शाही सवारी श्री महाकाल मंदिर से प्रारंभ होकर महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी से होते हुए रामघाट पहुँचेगी जहाँ सवारी का पूजन होने के बाद रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहे से मिर्जा नईमवेग, तेलीवाड़ा चौराहा, कंठाल, सतीगेट, सराफा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। सवारी में अनधिकृत व्यक्ति का प्रवेश निषेध रहेगा। इमरजेंसी ले लिए वैकल्पिक मार्ग की भी व्यवस्था रहेगी।
भगवान महाकालेश्वर की निकलने वाली सवारी के मुखारबिन्द पूजन के उपरांत पालकी में प्रतिमा को आरूढ़ कर सायं 4 बजे कहारो द्वारा पालकी को उठाकर मंदिर से बाहर की ओर प्रस्थान कराया जाकर सवारी नगर भ्रमण पर निकाली जाती है, जो चयनित मार्गो से होते हुए सायं 5 बजे के लगभग रामघाट पहुंचेंगी, जहां भगवान महाकालेश्वर का पूजन इत्यादि किया जाकर सवारी अपने निर्धारित मार्ग से रात्रि 10बजे के लगभग पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

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