दुर्ग / एक ओर जहां छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को मजबूत बनाने 2500 रुपए प्रति क्विंटल धान की कीमत दे रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर उनसे तौल में उपार्जन केंद्र में सूखती के नाम पर खरीदी केंद्र में अधिक धान ले रहे हैं । प्रति बोरे में किसानों से 1 किलो से लेकर 2 किलो तक अतिरिक्त धान लिया जा रहा है । जहा एक तरफ प्रशासन दलालों की सांठगाठ में मस्त है, वही दूसरी तरफ किसान उपार्जन केंद्रों में ठगी का शिकार हो रहे हैं । ताजा मामला दुर्ग जिला मुख्यालय से लगे जेवरा सिरसा का है जहा धान खरीदी केंद्रों में धान के अधिक तौल का मामला प्रकाश में आया । खबर लगते ही मामले की सत्यता जानने हमारे संवादाता मौके पर पहुचे और कुछ धान के बोरों को तौलवाकर देखा तो तौल में गड़बड़ी देखने को मिली,
आपको बता दें कि शासन के नियमानुसार एक बारदाने में 40 किलो धान भरा जा सकता है । उसमें बारदाने के वजन के बदले एक बारदाना रखा जाता है या फिर 600 ग्राम, लेकिन तौल कर्मचारी 1 से 2 किलो तक प्रति बोरी एक्स्ट्रा धान भर रहे हैं । बारदानों में ज्यादा धान भरे जाने को जब कर्मचारियों से जब जवाब तलब किया गया तो उन्होंने बताया कि परिवहन समय पर नहीं होने से धान फड़ में पड़े रहने से सूखता है । जिसके बाद एक बोरे का वजन 40 किलो से कम हो जाता है । जबकि प्रबंधकों के पास नमी जांचने के लिए मशीन शासन ने दी है । जब हमने एक किसान से पूछा तो उस किसान ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि किसानों को समिति से खाद्य बीज लेना होता है । अधिक धान लेने की शिकायतें व आपत्ति करेंगे तो उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है ।