राजनांदगांव कलेक्टर के नाम का इस्तमाल कर खनिज विभाग क्या अवैध परिवहन के नाम पर कर रही धांधली …?

राजनांदगांव । राजनांदगांव क्षेत्र में इन दिनों खनिज के अवैध परिवहन का खुला खेल खनिज अधिकारी की सरपरस्ती में चलने की खबर मिल रही है वहीं इस अवैध परिवहन में ग्राम पंचायत के सरपंच की भी भूमिका कहीं ना कहीं संदेहास्पद नजर आ रही है ।


राजनांदगांव जिले के ग्राम इंदावनी में खनिज विभाग द्वारा खसरा न. 206 रकबा 2.5900 हे. से निकलने वाले मुरूम परिवहन की अनुमति दी गई है किंतु अगर जमीनी हकीकत देखी जाए तो क्षेत्र से मिट्टी का खनन किया जा रहा है जिसे राष्ट्रिय राजमार्ग के दूसरी ओर निर्माणाधीन टाटा शो रूम में डंप किया जा रहा है।
इस बारे में जब मिट्टी परिवहन कर रहे ट्रक चालक से जानकारी एवम रायलटी के विषय में जानकारी चाही तो चालक के पास रॉयल्टी स्लिप का ना होना साथ ही खनिज विभाग द्वारा मुरूम परिवहन का आदेश दिखाया गया । आदेश में स्पष्ट मुरूम परिवहन अंकित होने के बाद भी ट्रक चालक द्वारा मिट्टी परिवहन की बात स्वीकार की गई एवम चालक द्वारा ग्राम पंचायत सरपंच को बुलाया गया ।

आश्चर्य की बात यह है कि ग्राम पंचायत के सरपंच ने भी मिट्टी पर परिवहन की बात स्वीकार करते हुए इसे खनिज विभाग की अनुमति कहना बताया जबकि आदेश में स्पष्ट मालूम परिवहन की बात नजर आ रही है वही जब इस बारे में खनिज अधिकारी आर मालवे सही जानकारी मांगी गई तो खनिज अधिकारी का कहना है कि मुरूम परिवहन की अनुमति के दस्तावेज तो हैं परंतु मिट्टी परिवहन की भी अनुमति कलेक्टर साहब द्वारा दी गई है ऐसे में बड़ा सवाल यह उठना है कि जब खनिज विभाग द्वारा दी गई अनुमति में मुरम का निर्माण अंकित है फिर मिट्टी परिवहन की मौखिक अनुमति के मामले में क्या खनिज अधिकारी जिला कलेक्टर के नाम का उपयोग कर अवैध परिवहन को एवं मिट्टी के अवैध खनन को बढ़ावा दे रहे हैं या फिर जिस रकबा में मुरूम परिवहन होना है उस रकबा को छोड़कर किसी अन्य रकबा में मिट्टी खनन का कार्य बेधड़ले से किया जा रहा है ?

दुर्ग के किसी बड़े दलाल के हस्तक्षेप होने की खबर..

वही ग्रामीणों से चर्चा करने पर ग्रामीणों ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि यह ठेका दुर्ग के किसी बड़े ठेकेदार का है एवं ठेका देने के लिए दुर्ग के एक बड़े दलाल जिसकी खनिज विभाग में काफी पैठ है इसका सहारा लिया गया है और किसी भी मामले को सुलटाने का कार्य दुर्ग का यह दलाल करता है बता दे की दुर्ग के कुछ ऐसे दलाल है जो राजनांदगांव खनिज विभाग से ठेका दिलाने के नाम पर लगातार सक्रिय रहते हैं ग्रामीणों ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि ऐसे दलालों पर जिला कलेक्टर महोदय को निष्पक्ष जांच कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए जिनके कारण क्षेत्र में अवैध परिवहन को एवं खनन को बढ़ावा मिल रहा है ।

बड़ा सवाल जो कर रहा संदेह पैदा ….

1// मुरूम परिवहन के आदेश पत्र होने के बावजूद भी मिट्टी परिवहन किया जा रहा है जिसमें पंचायत के सरपंच की भी मौखिक अनुमति आखिर किस अधिकार के तहत दी जा रही है?

2// क्या जिस रकबा में मुरम खनन और परिवहन की अनुमति दी गई है उसी रकबा से मिट्टी खनन कर परिवहन किया जा रहा है?

3// आखिर किस नियम के तहत खनिज अधिकारी कह रहे हैं कि जिला कलेक्टर ने मिट्टी परिवहन की अनुमति दी है जबकि निर्देश पत्र पर सिर्फ मुरूम परिवहन एवं खनन की अनुमति का उल्लेख है?

4// क्या खनिज अधिकारी जिला कलेक्टर के नाम का उल्लेख कर मिट्टी के अवैध परिवहन को बढ़ावा दे रहे हैं?

5// मिट्टी का परिवहन करने वाले ट्रक चालक के पास आखिरी रॉयल्टी क्यों नहीं है एवं पूछे जाने पर रॉयल्टी दिखाने की जगह सरपंच को क्यों बुलाया गया?

6// सरपंच द्वारा खनिज विभाग के आदेश पत्र में मुरम परिवहन का उल्लेख होने के बावजूद भी मिट्टी परिवहन को वैध क्यों बताया जा रहा है जबकि शासन के नियमानुसार ग्राम पंचायत की मिट्टी का उपयोग ग्राम पंचायत सीमा क्षेत्र में ही होता है परंतु ट्रक चालक के कथन अनुसार मिट्टी का उपयोग राष्ट्रीय राजमार्ग के दूसरे तरफ टाटा शोरूम में डंप किए जाने की बात ट्रक चालक ने स्वीकार की.

7// क्या ग्राम पंचायत के सरपंच और खनिज विभाग के अधिकारी ठेकेदार के साथ मिलकर जिला कलेक्टर राजनांदगांव के नाम का उपयोग कर अवैध खनन एवम परिवहन को अंजाम दे रहे है ?

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